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अरे ओ कालिया,दिवाली कब है रे?

गब्बर: अरे ओ कालिया,दिवाली कब है रे? कालिया : सरदार इस बार कन्फ्यूजन है, 31 अक्तूबर की है या 1 नवंबर की. पता नहीं, इसी चक्कर में लाइटिंग भी नहीं लगी...?

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गब्बर: अरे ओ कालिया,दिवाली कब है रे?
कालिया : सरदार इस बार कन्फ्यूजन है, 31 अक्तूबर की है या 1 नवंबर की. पता नहीं, इसी चक्कर में लाइटिंग भी नहीं लगी

गब्बर: अरे कमीनों जाओ जाकर पता करो दीवाली कब है
कालिया : नहीं सरदार अगर गांव गए तो पकड़े जाएंगे

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गब्बर: अरे तो इस बार दीवाली कब मनाएंगे
कालिया : सरदार बड़ा कन्फ्यूजन है

गब्बर: अरे जाकर पंडित से पूछकर आओ
कालिया : सरदार जगह-जगह पुलिस ने नाकाबंदी कर रखी है अगर रामगढ़ गए तो पुलिस पकड़ लेगी

गब्बर: खामोश..हरामखोर..हमारे पास इतने पटाखे हैं और हम पुलिस से डर रहे हैं
कालिया : सरदार आप कहो तो सारे पटाखें पुलिस पर छोड़ दें

गब्बर: अरे नहीं, पुलिस इस टाइम बिजी है, लॉरेंस के पीछे पड़ी है
कालिया: जी सरदार

गब्बर : जाओ रामगढ़ जाकर बसंती से पूछो दीवाली कब हैकालिया: गुस्ताखी माफ सरदार, अगर पुलिस ने पकड़ लिया तो मुझे बचा लेना
गब्बर: हरामखोर, तू इतना डरपोक है, तू गब्बर का आदमी है

कालिया: सरदार रहम, मैने आपका नमक खाया है
गब्बर: ले अब दिवाली पर मिठाई समझ के गोली खा!!!

ठांय ठांय